पालक, हल्दी और पत्तियों से हर्बल गुलाल बना रही हैं महिलाएं, कर रही लाखों कमाई, आप भी लें सीख
Written By: संजीत कुमार
Tue, Feb 28, 2023 02:53 PM IST
Herbal Gulal: होली का त्योहार पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मानाया जाता है. होली के साजो सामान का बाजार सज चुका है. बीते कुछ वर्षों से हर्बल रंगों और हर्बल गुलाल की मांग काफी ज्यादा बढ़ी है. हर्बल गुलाल का उपयोग त्योहार के साथ-साथ अलग-अलग खुशियों के अवसर में भी उपयोग किया जा सकता है. हर्बल गुलाल से त्वचा को कोई नुकसान नहीं होता. ऐसे में मांग बढ़ने कमाई के अवसर भी पैदा हुए हैं.
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हर्बल गुलाल बनाने की ट्रेनिंग
इसी के चलते छत्तीसगढ़ की महिलाएं इन दिनों हर्बल गुलाल बनाने में जुटी हुई हैं. इन महिलाओं ने पालक भाजी से हरा, लाल भाजी से लाल, चुकंदर से कत्थआ, फ्लाश और हल्दी से फीका और गाढ़ा पीला, पोंई भाजी से जामुनी रंग व गुलाल बनाने की कला महिलाओं ने सीखी है. होली त्योहार को देखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र से सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाने की ट्रेनिंग दी गई. इस ट्रेनिंग में 30 महिलाओं ने भाग लिया.
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फूल-पत्तियों से बनाए जा रहे हर्बल गुलाल
छत्तीसगढ़ कृषि विभाग के मुताबिक, ट्रेनिंग के बाद महिलाओं द्वारा गुलाल बनाने का काम शुरू कर दिया गया है. ट्रेनिंग प्रोग्राम अरॉरूट पाउडर और चुकंदर, सेम पत्ती, हल्दी से गुलाबी, हरी व पीले रंग की हर्बल गुलाल तैयार कराया गया. साथ ही खुशबू के लिए लेमन ग्रास, ऐसेंस और नींबू के पत्तियों का उपयोग किया गया. ट्रेनिंग में महिलाओं ने गेंदा और फ्लाश के फूलों के साथ लाल भाजी, पालक भाजी, पोई भाजी का पका फल से भी गुलाल बनाया.
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10-12 लाख रुपये तक हो सकती है कमाई
फूलों और पत्तियों या कंदों से निर्मित हर्बल गुलाल की कीमत बाजार में 200-250 रुपये प्रति किलो है. जिन शाक सब्जियों की पत्तियां व्यर्थ हो जाती है उनकी प्रोसेसिंग की माध्यम से हर्बल गुलाल बनाकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. कृषि विभाग के मुताबिक, 3 साल पहले हर्बल रंगों से 35 हजार रुपये की आय हुई थी. इस वर्ष 10-12 लाख रुपये तक आमदनी होने की उम्मीद है.
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